Nana Ka Kala Lund Ghusa Gori Chut Mein

Nana Ka Kala Lund Ghusa Gori Chut Mein
जय हो !!!! क्यों बे सालों आ गये मेरी चुदाई का तमाशा देखने आओ देखो कैसे एक लंड चूत में घुसता है आओ !!!! देखो एक लाचार चूत को मोटे लंड से चुदते हुए और पानी निकालते हुए | कलम वाली बाई आई थी अपनी मस्सों चूत को छोटे लंड से चुदवाना चाहती थी पर मादरचोद घुसा दिया बड़ा मोटा लंड कौन समझा उसकी बात |

मैं समझ गया हूँ इसलिए आज तुमको अपनी एक कहानी बता रहा हूँ | “मेरे घर में नहीं बना खाना इसलिए आज कहानी बोलेगा नाना” | ये बात आज से चार साल पहले की है जब एक अखबार वाली आई थी मेरे पास अपनी चुदाई की दास्ताँ बताने पर मैंने उसे हटा दिया था क्यूंकि क्यूंकि मेरे काले लंड कोई औरत सह नहीं पाती |  अब में क्या करू इस दुनिया में काले लंड को सजा है और गोर लंड को मज़ा है |

अरे कभी तो समझो काले लंड की दुमदार चुदाई को पर काली चूत भी नसीब नहीं है | “ये देख कला लंड और ये देख गोरा लैंड इसमें से ज्यादा बड़ा किसका बता” अरे मुठ तो दोनों से ही सफ़ेद निकलता है फिर एसा भेदभाव क्यों | मुझे नहीं पता था की कभी भी ऐसा होगा मेरे साथ पर आज इस चीज़ को होता हुआ देख के मेरे प्राण निकल रहे है | ऐसा लगता है जैसे काले लंड को बाज़ार में बेच दो तभी चूत मिलेगी |

क्या दिन थे वो जब लड़कियां और रंडियां मेरे लंड पे बैठ चिल्लाती थीं | अगर मिल जाए मुझे वो इंसान जिसने कहा गोरा लंड अच्छा होता है उसका गला चीर दूंगा और जो भी उसका साथ देगा एक एक के गले चीर दूंगा | माफ़ करना !!! जज़्बात में बह गया था | तो मेरी कहानी शुरू हुयी थी कानपूर के गाँव से वहां में नौकरी करता था |

मुझे नहीं पता था की वह पे चकला मिलेगा या नहीं पर इतना पता था माँ ने कहा है बहु ले आना इसलिए रोज़ किसी न किसी लड़की को देख के सोचता था काश कोई मिल जाए पर मिली नहीं कोई क्यूंकि मेरा रंग और लंड दोनों बीच में आ जाते थे | एक दिन मैं काम कर रहा था और अचानक मेरे सामने से एक लड़की गुजरी लगा यही है मेरी लैला | पर उसने भी मुझे कह दिया काला ही होगा तेरा केला |

उस दिन मुझे बहुत बुरा लगा मैंने मन ही मन में सोचा हे भगवान् क्यों बनाया मुझे इतना काला | मुझे भी तो तमन्ना है चुदाई की पर मुझे मिली तो बस रुसवाई | अगले दिन काम करते करते मेरे कुछ साथी मेरा मजाक बना रहे थे और मशीन पे काम चल रहा था एक लड़के का हाथ मशीन में चला गया और धड से अलग हो गया | वो दर्द के मारे अधमरा हो गया पर कोई भी उसे उठाने को तैयार नहीं था मै गया और उसको उठा के तुरंत अस्पताल की तरफ लेके भागा |

उसके बाद डॉक्टर ने उसका इलाज किया और कहा अब इसका हाथ कभी नहीं रहेगा | ये सुनके मुझे झटका लगा फिर मैंने सोचा उसको चलेगा तो उसे कैसा लगेगा | मैंने हिम्मत करके अन्दर जाने का फैसला किया और जैसे ही अन्दर गया उसने कहा मैंने तुमाहरा मजाक बनाया फिर भी तुमने ही मेरी मदद की | मैंने कहा मेरे अन्दर का इंसान अभी जिंदा है इसलिए की तेरी मदद | इर मैंने उसे वो सब बताया जो डॉक्टर ने कहा तब उसने मुझसे कहा मुझे ये बात पहले से ही पता थी |

मुझे भी लगा ठीक है इसको पता है अब ये दर्द झेल लेगा | उसने मुझसे कहा भाई हमारा सेठ पगार में से कुछ पैसे काट लेता है हर महीने और वो पैसे हर इंसान को मिलते है उसके मुस्किल वक़्त में | मैं तो जा नहीं पाउँगा क्या तुम वो पैसे मेरे लिए ले आओगे | मैंने कहा ठीक है में बात करूँगा सेठ से अगर वो मान गया तो ले आऊंगा | मैं अगले दिन काम पे गया और सेठ से बात करने लगा सेठ ने मुझे धक्का देके बाहर निकाल दिया और कहा किसी को कोई पैसे नहीं मिलेंगे |

मैं बाहर आ गया और थोड़ी देर बाद एक लड़की आ गयी और उसके साथ कोई आदमी था जो कैमरा लिए हुए था | वो सेठ से बार बार पूछ रही थी कल आपकी फैक्ट्री में जो हुआ क्या आपने उस मजदूर के लिए कुछ किया | सेठ सब से बचते हुए वहां से निकल गया तब वो मेरे पास आई और कहा तुम ही उसे अस्पताल ले गये थे न | मैंने कहा हाँ तो उसने पूछा क्या हुआ था यहाँ मुझे बता सकते हो |

मैंने भी उसे सब कुछ बता दिया और उसने कहा इस लड़ाई में अब मैं तुम्हरे साथ हूँ | मैंने कहा क्यों मैं काला हूँ इससे कोई फर्क तो नहीं पड़ता न तो उसने कहा पागल है क्या | मुझे लगा चलो यार कोई लड़की है तो अब मेरे साथ मैंने उसे जाते हुए देखा तो उसकी गांड बड़ी थी जो हिल भी रही थी चलने पर | मैंने सोचा अगर इसको पता लिया तो चूत भी मेरी और बहु तो ये अच्छी बन ही जाएगी |


कुछ दिन हो गये अब मुझे नौकरी से निकाल दिया गया था और वो अखबार वाली मेरे साथ साथ घूमने लगी थी | मैं उसकी हर जगह मदद करता था और उसने हमारी फैक्ट्री के सेठ का भांडा फोड़ दिया था सबके | अब सेठ मेरे सामने पैसे लेके खड़ा था और नौकरी पे भी वापस रखने को कह रहा था पर मैंने तो अखबार वाली के लिए खुद को दांव पे लगा दिया था | मुझे पैसे मिल गये थे और उस लड़के के भी पैसे निकलवा दिए थे जो अपताल में था |                                        “Nana Ka Kala Lund”

अन उसके घरवाले और वो दोनों खुश थे पर उस लड़की ने मुझे भी काम पे लौटने के लिए कहा था लेकिन मैं उसकी के साथ रहना चाहता था | एक महीने लगातार उसके साथ रहने से उससे प्यार सा हो गया था मुझे | वो एक दिन कमरा ढूँढने के लिए मेरी बस्ती में ही आ गयी और मैंने उससे कहा मेरे घर के पीछे है एक कमरा रह पाएगी तो बोल | उसने कहा ठीक है मैं सामान लेके आती हूँ |

वो आ गयी और उसने कहा चलो अब हम आगे पीछे रहते हैं तो तेरे लिए खाना मैं बना दिया करुँगी और तू राशन देख लिया करना | अब मैंने उसके कमरे में खाना कभी कभी रहना और बहुत से काम करना शुरू कर दिया और कभी कभी तो हम साथ में बैठ के पी भी लिया करते थे | एक दिन हम दोनों मस्त नशे में थे और वो मुझे प्यार से देख रही थी और मैं भी दीवाना सा हो रहा था | मैं उसके पास गया और कहा क्यों रे देखना बंद कर खा जाएगी क्या मुझे | उसने कहा मन तो वैसा ही कर रहा है बोल खा जाऊं क्या तुझे | मैंने कहा पागल हो गयी है क्या मुझमे ज्यादा मॉस नहीं है |

उसने मुझे पकड़ा और कहा मास नहीं है पर लंड तो है मैं उसे लेना चाहती हूँ | मुझे ये सुनके मज़ा आने लगा और धीरे धीरे हम दोनों पास आने लगे | उसके बाद उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया और मैं भी उसके मज़े लेने लगा और उसके नरम होटों को चूसने लगा | धीरे से मैंने उसके ब्रा में हाथ डाला और उसके दूध को मसकने लगा | मैंने कहा तेरे दूध तो एक दम मलाई जैसे हैं | उसने कहा बस दबा मत पी भी ले |

मैंने भी तुरंत उसके निप्पल को मुह के पास लेक चूसने लगा और उसके बाद मैंने आधे घंटे तक चूसता रहा | उसके निप्पल बिलकुल सख्त हो गये थे और वो मज़े लेने लगी थी | फिर मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाली और वो भी बिलकुल मक्खन जेसी थी और गीली भी | फिर मैंने उसकी चूत को भी चाटना शुरू किया और इस बार वो ऊऊउम्म्म्म ऊऊन्न्ह्ह आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आअह्ह्ह्ह ऊऊउम्म्म्म ऊऊन्न्ह्ह आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आअह्ह्ह्ह करने लगी |

मैंने उससे कहा बस अब तो मुझे तुम्हरी चूत में अपना लंड डालना है और उसने कहा तो देर मत करो और डाल दो | मैंने उसकी गीली चूत में अपना लंड पेल दिया और वो ऊऊउम्म्म्म ऊऊन्न्ह्ह आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आअह्ह्ह्हऊऊउम्म्म्म ऊऊन्न्ह्ह आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आअह्ह्ह्हऊऊउम्म्म्म ऊऊन्न्ह्ह आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आअह्ह्ह्ह करके जोर जोर से चिल्लाने लगी |

मैंने सोचा इसको चूमते रहता हूँ ताकि आवाज़ ज्यादा न निकले | ऐसे ही मैंने उसे एक घंटे तक चोदा और फिर उसके बाद मैंने कहा मुझे तुम्हरी चूत पे माल गिरना है | उसने कहा मेरे मुह में गिराओ तो मैंने सारा मुठ उस लंड चुसाते हुए उसके मुह में गिरा दिया और वो सब पी गयी | ईसा करते करते मैंने उस पूरी रात चोदा और कई बार उसकी गांड भी मारी और इस बार मैंने उसके छेद में अपना माल भर दिया |

इसी तरह हमने बाद में भी बहुत बार चुदाई की और ऐसा करते करते वो मेरे बच्चे की माँ बन गयी कुछ महीनो बाद |

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